दाग गहरी चोटों के, यूँ मिटाए नही जाते
ज़ख्म जो दिलपर लगे,भुलाए नही जाते
बड़ी गहरी थी साजिश और दूरंदेशी तुम्हारी
वर्ना, इतनी आसानी से मकाँ,बनाये नही जाते
फिरता रहता दरबदर, वो भी बदहवास सा
अहमकों से भी कोई पहाड़,तोड़े नहीं जाते
शतरंज भी तेरी थी, हर चाल भी तेरी ही थी
साजिशों में माहिर होते फ़राज़,मारे नही जाते
©®राहुल फ़राज़
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