कोई बताएं बाद इसके, हालात क्या होंगे
मैं गर, मर गया, तो फिर फसादात क्या होंगे
किसी की आंख में न होगा अश्क मैं जानता हूँ
खुश्क आंखों में तब फिर सवालात क्या होंगे
घर के किस कोने में दुबक जाएंगी सब यादें मेरी
मेरी सजाई चीजों के, तब जज़्बात क्या होंगे
किस चेहरे पर आएगी रौनक,किसका नूर बदलेगा
पलपल बदलते लोगों के, फिर सबात क्या होंगे
सबात=स्थायित्व
बाद मौत के, तंज भी मुझपर, खूब कसेंगे लोग
फ़राज़ उनके दिलों में नए, खुराफात क्या होंगे
©®राहुल फ़राज़
Dt:२३/०७/२०२२
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