Thursday, October 18, 2012

अब ना करेंगे हम इश्‍क किसीसे, हार मान ली मैनें

हमपें ना कुर्बां करोगे ये जिस्‍मो-जां, ये बात मान ली मैंनें
अब ना करेंगे हम इश्‍क किसीसे, हार मान ली मैनें

सहरा में भी बहा दूं झरनां,फूल खिलादूं मै
तंगदील को सनम बनाकर, हार मान ली मैंने

है इतनी इबादत के बुत को भी,खुदा बना दूं मै
तेरे सजदे मे सर झुकाकर, हार मान ली मैनें

है आराईश बहोत 'फ़राज़' अगर बिकने पे आओ
दर्द के मोती समेटकर अपनें, हार मान ली मैंनें
राहुल उज्‍जैनकर 'फ़राज़'

1 comment:

प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ?प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ?

प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ? इमानो दिल,नज़ीर की बातें तुम करोगे ? तुम, जिसे समझती नही, दिल की जुबां मेरी आँखों मे आँखें डाल,बातें तुम...