Wednesday, December 18, 2019

दो घड़ी मुझसे गुफ्तगू करले

ये न हुआ के दो घड़ी मुझसे गुफ्तगू करले
गीले शिकवे दूर मिलके रूबरू करले ।
कितना कुछ पीछे छोड़ आया मैं अल्हदा  ही ।
ये न हुआ के,मुझसे मिलन की जुस्तजू करले
©®राहुल फ़राज़

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