खुदा ने!
बेइंतहां मोहब्बत से नवाजा है तुम्हे
क्या! इस बात का अंदाज़ा है तुम्हे
मैने भी, मोहब्बत कम नही की तुझसे
मेरे दिले हालात का,अंदाज़ है तुम्हे
बेइंतहां मोहब्बत से नवाजा है तुम्हे
क्या! इस बात का अंदाज़ा है तुम्हे
मैने भी, मोहब्बत कम नही की तुझसे
मेरे दिले हालात का,अंदाज़ है तुम्हे
मेरी!
बरसती हुई आंखों में झांक के देख
हर बूंद में दिखेगा अक्स, तुम्हारा तुम्हे
और!
मेरी, दीवानगी का आलम न पूछ
उठ-उठ के रातों में, है पुकारा तुम्हे
बरसती हुई आंखों में झांक के देख
हर बूंद में दिखेगा अक्स, तुम्हारा तुम्हे
और!
मेरी, दीवानगी का आलम न पूछ
उठ-उठ के रातों में, है पुकारा तुम्हे
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