Thursday, December 19, 2019

तुझसे हो न पायेगा

मेरे इश्क पर ऐतबार,
तुझसे हो न पायेगा।
मेरी तरह प्यार ,बेहद,
तुझसे हो न पायेगा ।

कसते रहो ताउम्र बस
तुम , ताने मुझपर ।
जज़्ब हर ज़ख्म मेरी तरह
तुझसे हो न पायेगा ।

मैं चाहत की हर हद पार
कर चुका हूं इश्क में 
फरहाद हूँ मैं शिरीन बनना
तुझसे हो न पायेगा ।

इश्क है तो ऐतबार भी 
करना चाहिए था 
तुझमे मैं हूँ, तुंम्हे थोड़ा
खोजना चाहिए था 

मेरे इश्क की तौहीन करके
क्या पाया आखिर ?
इश्क में यूं फ़राज़ बनना
तुझसे न हो पायेगा ।
©®राहुल फ़राज़

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