सारी रात रहा, तेरे खयालों में ग़ाफ़िल,
यूँ ही रात निकल गई।
दर्द स्याही बन बहता रहा
कागज़ पर,कलम से बात निकल गई।
©®राहुल फ़राज़
Dt:5 Feb 2018
प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ? इमानो दिल,नज़ीर की बातें तुम करोगे ? तुम, जिसे समझती नही, दिल की जुबां मेरी आँखों मे आँखें डाल,बातें तुम...
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