अपनी बेताबियों का जिक्र
तू मुझसे कहाँ करता है ।
मेरी ही यादों में खोया है तू
ये बताया कहाँ करता है।
एक लम्हा मोहब्बत का
इधर उछाल तो दे फ़राज़।
छिपा है इश्क का सैलाब दिल में
तू, ये जताया कहाँ करता है।
©®राहुल फ़राज़
Dt:28 march 2018
प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ? इमानो दिल,नज़ीर की बातें तुम करोगे ? तुम, जिसे समझती नही, दिल की जुबां मेरी आँखों मे आँखें डाल,बातें तुम...
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