Tuesday, November 20, 2012

एक सराय की मानिंद रही जिंदगी अपनी

तलाश में इक अदद तेरे सहारे की ....
हर किसी का हम सहारा बनते रहे.....
एक सराय की मानिंद रही जिंदगी अपनी
चंद रोज रूककर मुसाफिर,मंजिल पर बढते रहे
राहुल उज्‍जैनकर 'फ़राज़'

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