शेर अर्ज है.....
तुम अकेली नही हो जो ये कमाल करती हो
एहले,गुलिस्तां को खबर है के तुम प्यार करती हो
गज़ल
वादे वफ़ा हो मगर इकरार ना हो, ऐसा नही होता
बहारे चमन हो और गुल ना खिले, ऐसा नही होता
ये माना के हिज्र की रातें है,और वस्ले इंतिजार,मगर
हिचकियां भी ना आये वक्त बेवक्त, ऐसा नही होता
कागज़ो पे उतार दिये हमनें इश्क के, फसानें अपनें
मैं गज़ल गाउं तुम साज भी ना छेडो,ऐसा नही होता
अज़ल से दुश्मन है ये दुनिया हम इशकजादों की
जुल्में दरिया हो, फ़राज़ पार नां करे,ऐसा नही होता
राहुल उज्जैनकर 'फ़राज़'
तुम अकेली नही हो जो ये कमाल करती हो
एहले,गुलिस्तां को खबर है के तुम प्यार करती हो
गज़ल
वादे वफ़ा हो मगर इकरार ना हो, ऐसा नही होता
बहारे चमन हो और गुल ना खिले, ऐसा नही होता
ये माना के हिज्र की रातें है,और वस्ले इंतिजार,मगर
हिचकियां भी ना आये वक्त बेवक्त, ऐसा नही होता
कागज़ो पे उतार दिये हमनें इश्क के, फसानें अपनें
मैं गज़ल गाउं तुम साज भी ना छेडो,ऐसा नही होता
अज़ल से दुश्मन है ये दुनिया हम इशकजादों की
जुल्में दरिया हो, फ़राज़ पार नां करे,ऐसा नही होता
राहुल उज्जैनकर 'फ़राज़'
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