कहां आतीं है मुझे, रातों में नींद आजकल
तुम्हे भी कहां फ़ुर्सत, की, ख्वाबों में आओ
समेट तो लूँ एक बार तुम्हे, अपनी बाहों में
मज़ाल है, कि, फिर तूम, निकल के जाओ
©®राहुल फ़राज़
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प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ?प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ?
प्यार वफ़ा इश्क की बातें, तुम करोगे ? इमानो दिल,नज़ीर की बातें तुम करोगे ? तुम, जिसे समझती नही, दिल की जुबां मेरी आँखों मे आँखें डाल,बातें तुम...
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