मेरा दिल इक मासूम पतंगा......, शोले से उल्फत कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें, तस्वीर से मोहब्बत कर बैठा
सारे नज़ारे बदल गये, रंग ओ बू के इशारे बदल गये
संगीन था दिल का आलम, सब वो रंगीन कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
वो चांद जो साथ चांदनी के, मुझे जलया करता था
देख मेरी उजली चांदनी...., आज अमावस कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
दिवानगी है ये तेरे इश्क की, आग भी पानी लगती है
मेरी आंख से बहता कतरा... , आज समंदर बन बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
लब गुलाब के फूल हो जैसे, या कोई चश्मा–ए-इश्क
फ़राज़ जाने किसके नाम ये, दिल की दौलत कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
राहुल उज्जैनकर फ़राज़
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें, तस्वीर से मोहब्बत कर बैठा
सारे नज़ारे बदल गये, रंग ओ बू के इशारे बदल गये
संगीन था दिल का आलम, सब वो रंगीन कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
वो चांद जो साथ चांदनी के, मुझे जलया करता था
देख मेरी उजली चांदनी...., आज अमावस कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
दिवानगी है ये तेरे इश्क की, आग भी पानी लगती है
मेरी आंख से बहता कतरा... , आज समंदर बन बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
लब गुलाब के फूल हो जैसे, या कोई चश्मा–ए-इश्क
फ़राज़ जाने किसके नाम ये, दिल की दौलत कर बैठा
भेजी थी इक तस्वीर किसीनें........
राहुल उज्जैनकर फ़राज़
good one...bhaiji
ReplyDeletegood one...bhaiji
ReplyDeletethanks sir ji
Deleteआपकी लिखी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी .........
ReplyDeleteबुधवार 23/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
में आपकी प्रतीक्षा करूँगी.... आइएगा न....
धन्यवाद!
haardik aabhar yashoda ji......
Deletesaadar dhanyawaad !!
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteनई पोस्ट मैं
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
ReplyDeletesundar rachna ...ahsaso ki khusbu bikherti -- badhayi evam shubhkamnaye
ReplyDeletesundar rachna .
ReplyDeleteबेहतरीन अभिवयक्ति.....
ReplyDelete
ReplyDeletesaadar dhanyawaad !!