Wednesday, May 02, 2012

Meri kavitayen

Pratibha ka dohan karna aata hai.
magar,uss ka sammaa'n karna nhii aata.
aakrosh me awaz uthii to same-here keh diya.
(sach hai)''faraaz'' yaha kisi ko bhi marr'm samjh na nhii aata.

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2 comments:

  1. प्रतिभा का दोहन करना आता है
    मगर, उस्‍स का सम्‍मान करना नहीं आता
    आक्रोश में आवाज उठी तो सेम हियर कह दिया
    सच है
    ''फराज'' यहां किसी को मर्म समझना नही आता
    राहुल उज्‍जैनकर 'फराज'

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  2. वाह .. क्या बात है फराज़ साहब ...

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