Thursday, July 22, 2010

दिल में किसी तम्‍ान्‍ना को आये साल हो गये


जितनें भी देखे थे सपनें हमनें, पूरे वो तमाम हो गये
मायूस अपनीं जिंदगी से, बेज़ार सपनों से फ़राज़ हो गये
काश रह जाता कोई अरमां, कोई सपना मेरा...अधूरा
दिल में किसी तम्‍ान्‍ना को आये,अरसा महिनो साल हो गये
राहुल उज्‍जैनकर फ़राज़ 


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