Tuesday, February 04, 2014

कौन था वो

कौन था वो
जो जिवन में कुछ आयाम जोड गया
लेकर आया था नयी सुबह
नये रिश्‍तों की नयी धुप
अद्भुत और अलौकिक खुब
कुछ पलों को आकाश में जो
स्‍मृतियों के पक्षी छोड गया
कौन था वो.......


.............................कौन था वो......
जिसका मैं अनुभव भी न कर पाया पूर्ण
वाणी का वो मीठापन
वो स्‍पर्श वो अपनापन
चिरस्‍थायी हो गये, अंतर्मन में
शैशव काल के , ये निरव क्षण
संपूर्ण क्षण अपनें जिवन के
देकर भी जो........
कर गया मुझको अपूर्ण....... कौन था वो
...... कौन था वो...... कौन था वो
©राहुल उज्‍जैकनर फ़राज़

3 comments:

  1. बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....

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    1. धन्‍यवाद सुषमा जी,
      दरअसल यह मेरे कजिन भाई के पुत्र शोक पर , मेरे स्‍नेह पुष्‍प हैं
      वह मात्र 1 साल का था , अभी हाल ही में उसका देहांत हुआ है,
      जन्‍म के समय से ही उसके ह्रदय में छिद्र था, उसके माता पिता यह जानते थे
      परंतु नियती के आगे विवश थे , परंतु जिस जिवटता के साथ उन्‍होने उसके साथ
      समय बिताया वह अपनें आप में , एक दुष्‍वार कार्य था.... जिसे शब्‍दों में बांधना
      संभव ही नहीं है....
      शुभम् भवतु

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  2. सादर धन्‍यवाद यशवंत जी.....

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