देखिये हुस्न कैसे कैसे फरेब देता है
पलके उठाकर नजरों से जहर देता है
तजुर्बा भी शरमा जाये, इक पल के लिये
बच्चा आज का ऐसे-ऐसे सवाल देता है
देखिये
........
तुमनें नही सुना होगा, मगर आज ऐसा होता है
लोग सच्चे हो, तो आईना भी वहम देता है
देखिये..........
नये जमानें के नये तेवर है, क्या कहें
मेरा घर ठीक से जले, इसलिये पडोसी हवा देता है
तुमको गये..............
जोश में हमनें कह दिया था इश्क में जान देंगे
'फराज' को मरनें के वो रोज नये मशविरे देता है
राहुल उज्जैनकर ''फराज''
तुमको गये..............
जोश में हमनें कह दिया था इश्क में जान देंगे
'फराज' को मरनें के वो रोज नये मशविरे देता है
राहुल उज्जैनकर ''फराज''
वाह ...बहुत ही बढिया।
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