रिश्ता ये पल दो पल का ना रहे, तो अच्छा
मिलन ये तेरा-मेरा, ता उम्र का रहे तो अच्छा
मंजि़ल तक आते आते, टुट जाते है पैमानें अक्सर
अब, लबों से तेरे लब युं ही मिले रहे तो अच्छा
वक्त की मानिंद, तुम बदल ना जाओ तो अच्छा
चिरागे उम्मीद से, ये आशियां ना जले तो अच्छा
मिटा दोगे इक रोज तुम, ये जिस्मों की दुरियां
वादा गर तुम ये, दिल से निभा जाओं तो अच्छा
बाद तेरे इस दिल को अब, भाता नहीं कोई
दर्दे दिल में बिन आहट के यूं, आता नहीं कोई
आही गये हो जब तुम, तो अब रहना तमाम उम्र
बनकर आंसू इस दिल से, निकल ना जाओ तो अच्छा
तेरी जुल्फें मेरे जानों पर, बिखर जाये तो अच्छा
बनके चांदनी मेरे आंगन में, उतर आओ तो अच्छा
हिज्र की रातें मैनें काटी है, करवटे बदल बदल के
वस्ल की रात तुम लेके आओ फ़राज़, तो अच्छा
राहुल उज्जैनकर फ़राज़
मिलन ये तेरा-मेरा, ता उम्र का रहे तो अच्छा
मंजि़ल तक आते आते, टुट जाते है पैमानें अक्सर
अब, लबों से तेरे लब युं ही मिले रहे तो अच्छा
वक्त की मानिंद, तुम बदल ना जाओ तो अच्छा
चिरागे उम्मीद से, ये आशियां ना जले तो अच्छा
मिटा दोगे इक रोज तुम, ये जिस्मों की दुरियां
वादा गर तुम ये, दिल से निभा जाओं तो अच्छा
बाद तेरे इस दिल को अब, भाता नहीं कोई
दर्दे दिल में बिन आहट के यूं, आता नहीं कोई
आही गये हो जब तुम, तो अब रहना तमाम उम्र
बनकर आंसू इस दिल से, निकल ना जाओ तो अच्छा
तेरी जुल्फें मेरे जानों पर, बिखर जाये तो अच्छा
बनके चांदनी मेरे आंगन में, उतर आओ तो अच्छा
हिज्र की रातें मैनें काटी है, करवटे बदल बदल के
वस्ल की रात तुम लेके आओ फ़राज़, तो अच्छा
राहुल उज्जैनकर फ़राज़