कहनें पे तेरे ही जिये जा रहा हूं
पुछो न अश्क कैसे पिये जा रहा हूं
तेरी ख्वाहिश तेरी चाहत जब भूलाना है
क्युं तेरा नाम हर पल लिये जा रहा हूं
लौटकर अब नही आना ये गुजारिश है
अलविदा तुमको मेरे मालिक किये जा रहा हूं
आया नही पिलाना तुमको नजर से हमदम
पैमानो से ही हरपल मय पिये जा रहा हूं
ऑंखो मे आके इक दिन दिल में समा गये
दिल को उसी मै तन्हा अब किये जा रहा हूं
तुम भूल जाना तुमको याद हम किया करेंगे
यादों में तेरी अब भी जीये जा रहा हूं
पुछो न अश्क कैसे पिये जा रहा हूं
तेरी ख्वाहिश तेरी चाहत जब भूलाना है
क्युं तेरा नाम हर पल लिये जा रहा हूं
लौटकर अब नही आना ये गुजारिश है
अलविदा तुमको मेरे मालिक किये जा रहा हूं
आया नही पिलाना तुमको नजर से हमदम
पैमानो से ही हरपल मय पिये जा रहा हूं
ऑंखो मे आके इक दिन दिल में समा गये
दिल को उसी मै तन्हा अब किये जा रहा हूं
तुम भूल जाना तुमको याद हम किया करेंगे
यादों में तेरी अब भी जीये जा रहा हूं
राहुल उज्जैनकर ''फराज''
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