लौटा दो मुझको मेरा अब तुम करार
करनां पडेगा कितना और इंतिजार .....
हर शाम मेरी तेरे गम में है डूबी
तू जो नही तो दिल की हर राहें सूनी
मिलनें को अब है तुझसे दिल बेकरार
करना पडेगा ......
तस्वीर मेरी तेरे हाथों में होगी शायद
आबाद तेरे दिल की महफिल होगी शायद
शायद ना होगा तुमको मेरा इंतिजार
करना पडेगा......
कैसे कहूं मैं दिल की बातों को तुमसे
सहना सकूंगा अब और दुरियां तुमसे
तुम आओ तो ही आये दिल को करार
करना पडेगा.......
राहुल उज्जैनकर 'फराज''
करनां पडेगा कितना और इंतिजार .....
हर शाम मेरी तेरे गम में है डूबी
तू जो नही तो दिल की हर राहें सूनी
मिलनें को अब है तुझसे दिल बेकरार
करना पडेगा ......
तस्वीर मेरी तेरे हाथों में होगी शायद
आबाद तेरे दिल की महफिल होगी शायद
शायद ना होगा तुमको मेरा इंतिजार
करना पडेगा......
कैसे कहूं मैं दिल की बातों को तुमसे
सहना सकूंगा अब और दुरियां तुमसे
तुम आओ तो ही आये दिल को करार
करना पडेगा.......
राहुल उज्जैनकर 'फराज''
तुम जो आओ करार आ जाए...
ReplyDelete.जिंदगी में बहार आ जाए.....