रफ्ता रफ्ता जिंदगी ने भी रफ्तार बढा दी है
सफेदी मेरे बालों की तर्जुबों ने बढा दी है
पन्ने दर पन्ने मैं वक्त के पलटता गया
झुर्रियां ये मेरे बदन की इंतिजार नें बढा दी है
खामोश रहता हूं कभी, कभी खुद से बांते करता हूं
दिवानगी मेरी फिरसे, तेरी कमीं ने बढा दी है
चाहा था मैंने भी तेरे साथ फनां हो जाना, मगर....
जिंदगी ''फ़राज़''की, तुझसे किये वादे ने बढा दी है
राहुल उज्जैनकर 'फ़राज़'
सफेदी मेरे बालों की तर्जुबों ने बढा दी है
पन्ने दर पन्ने मैं वक्त के पलटता गया
झुर्रियां ये मेरे बदन की इंतिजार नें बढा दी है
खामोश रहता हूं कभी, कभी खुद से बांते करता हूं
दिवानगी मेरी फिरसे, तेरी कमीं ने बढा दी है
चाहा था मैंने भी तेरे साथ फनां हो जाना, मगर....
जिंदगी ''फ़राज़''की, तुझसे किये वादे ने बढा दी है
राहुल उज्जैनकर 'फ़राज़'
रफ्ता रफ्ता जिंदगी ने भी रफ्तार बढा दी है
ReplyDeleteसफेदी मेरे बालों की तर्जुबों ने बढा दी है
बहुत खूब... लाजवाब...
आभार संध्या जी
Deleteबहुत खूब...
ReplyDeleteधन्यवाद हबीब जी ......... सादर
Deleteयशवन्त जी सादर अभिनंदन ...... धन्यवाद
ReplyDeleteजिस प्रकार आप मेरा मान बढाते आये है उस जज्बे को सलाम है मेरा
सादर
very nice .thanks
ReplyDeleteTIME HAS COME ..GIVE YOUR BEST WISHES TO OUR HOCKEY TEAM -BEST OF LUCK ..JAY HO !
रफ़्तार जिंदगी में सदा चलके पायेंगें